Weather Report:-झारखण्ड में पहुंचा मानसून ,आज भी कई जगहों पर होगी बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट, रहें सावधान
Weather Report
प्रेरणा चौरसिया
Drishti Now Ranchi
झारखंड में मानसून ने दस्तक दे दी है। कल शाम से काले बादलों ने रांची सहित राज्य के कई हिस्सों में डेरा डाले रखा। रात होते- होते बारिश भी हुई। मौसम विभाग रांची ने कहा है कि अभी एक से दो दिनों में राज्य के दूसरे हिस्सों में भी मानसून पहुंचेगा। झारखंड में दक्षिणी पश्चिमी मॉनसून की एंट्री हुई है।
कहां कितना रहा तापमान
सोमवार को राज्य में सबसे ज्यादा तापमान पलामू में दर्ज किया गया जहां का तापमान 44.3 डिग्री सेल्सियस रहा, इसके बाद गुमला का तापमान 40.6 डिग्री सेल्सियस दर्च किया गया। पलामू के तापमान में 0.2 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गयी वहीं सबसे ज्यादा पश्चिमी सिंहभूम के तापमान में गिरावट दर्ज की गयी। यहां -5.5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गयी। मानसून के आने से राज्य के दूसरे हिस्सों में भी राहत मिलेगी।
अगले पांच दिनों तक बारिश का अलर्ट
अगले पांच दिनों में राज्य में हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश की संभावना व्यक्त की गयी है। संताल के इलाके जिसमें साहिबगंज, गोड्डा, पाकुड़, दुमका में मानसून का असर देखा जा रहा है, जामताड़ा और देवघर के भी कई इलाकों में बारिश हुई है। अगले दो दिन में जमशेदपुर में भी मॉनसून प्रवेश करेगा।
तापमान में आने लगी है गिरावट
झारखंड में मानसून के प्रवेश करते ही तापमान में गिरावट दर्ज की गयी है। राजधानी रांची समेत अन्य कई जिलों में बूंदा-बांदी से लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिली है। झारखंड के कई इलाकों में मानसून अब धीरे- धीरे पहुंचेगा। मौसम विभाग ने 21 और 22 जून को भारी बारिश की संभावना जाहिर की गयी है। मानसून ने भले ही राज्य में देर से प्रवेश किया है लेकिन इस वक्त की बारिश किसानों के लिए बड़ी राहत साबित हो सकती
तपती धरती को मिलेगी राहत
झारखंड में लंबे समय से मानसून का इंतजार हो रहा था। तपती धरती और लू ने लोगों को परेशान कर दिया था। घर से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा था। पलामू राज्य सबसे गर्म रहा। यहां तापमान 44.5 डिग्री के आंकड़े को पार कर रहा था। इस बार का मानसून कैसा होगा इसे लेकर भी चिंता शुरू हो गयी है। अगर इस बार अच्छी बारिश नहीं हुई तो कई इलाकों में जल संकट और गहरा हो जायेगा। मौसम विभाग की ओर से झारखंड में 2023 में सामान्य बारिश की संभावना जताई है। 10 साल के जो बारिश के आंकड़े हैं वो पांच-पांच के अंतराल के बाद कम होता रहा है।
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