बालू को लेकर परेशान झारखण्ड , कई प्रोजेक्ट सुस्त पड़े , मूल्य दस गुना बढ़ा
बालू को लेकर परेशान झारखण्ड , कई प्रोजेक्ट सुस्त पड़े , मूल्य दस गुना बढ़ा
झारखंड विधानसभा में बालू का मामला उठा । विधायक सी पी सिंह ने मामला उठाया बताया की रांची सहित पूरे झारखंड में बालू को लेकर लोग परेशान है । पूरे राज्य में बालू की जबरदस्त किल्लत है। बालू की कमी के कारण कई प्रोजेक्ट्स रुक गए हैं।
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लोग मनमानी कीमत पर बालू खरीदने को विवश हैं। जानकारी के मुताबिक राज्य के 444 बालू घाटों में से करीब 150 घाटों के लिए एग्रीमेंट हो गया है। लेकिन 30 घाट ही चालू हैं। 28 घाटों को शुरू करने की प्रक्रिया चल रही है। इसके बावजूद लोगों को बालू नहीं मिल रहा है।
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उधर, झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में भी इस पर बवाल मच रहा है। विपक्ष सरकार को घेर रहा है। इसी बीच भास्कर ने बालू के हालात पर पड़ताल की तो चौंकाने वाले खुलासे हुए। पता चला कि बिहार का बालू सस्ता और सुलभ है। रांची में रोजाना बिहार से करीब 300 हाइवा बालू आ रहा है। एक हाइवा में 550 सीएफटी बालू होता है, जो 30 हजार रुपए में मिल रहा है। जबकि झारखंड के बालू के लिए प्रति हाइवा 40 हजार रुपए देने पड़ रहे हैं।
यही नहीं, सिर्फ एक फोन कॉल पर बिहार का बालू घर तक पहुंच रहा है। वहीं झारखंड के बालू के लिए लोगों को माथापच्ची करनी पड़ रही है। ब्रोकरों का कहना है कि झारखंड में ऊपर से नीचे तक पूरे सिस्टम को मैनेज करना पड़ रहा है। इस कारण वे ज्यादा पैसे ले रहे। जबकि बिहार से बिना परेशानी के बालू आ रहा है। 30 हजार रुपए में बेचने पर भी उन्हें मुनाफा हो रहा है। यही कारण है कि यहां के ब्रोकरों ने झारखंड का बालू बेचना बंद कर दिया है।